जिले के नरवर क्षेत्र के श्यामपुर गांव में जंगली जानवरों ने बुधवार-गुरुवार की रात को बाड़े में घुसकर भेड़ों के झुंड पर हमला बोल दिया। जिसमें 52 भेड़ों की मौत हो गई है। जबकि 13 घायल हो गई हैं। इसके अलावा सांगोली गांव में भी भगवान पुत्र गंगाराम बघेल की भेड़ों पर हमला हुआ है। जंगली जानवर ने तीन भेड़ों को मार दिया है। जबकि 09 घायल हैं। सूचना मिलने पर सामान्य वन मंडल से रेंजर शैलेंद्र सिंह तोमर, करैरा रेंजर अनुराग तिवारी सहित प्रशासन की ओर से तहसीलदार पटवारी और पशुपालन विभाग से चिकित्शक पहुंचे। भेड़ों पर हमला करना किसी तेंदुए या लकड़बग्घा द्वारा बताया जा रहा है।
इनमें से 20 से 22 भेड़ों पर वन्य प्राणी के पंजे के निशान मिले हैं, जबकि बाकी भेड़ों की मौत डर के कारण होने का अंदेशा जताया जा रहा है। यह भेड़ें मायाराम बघेल की थीं। गांव में तहसीलदार कल्पना कुशवाह, सतनवाड़ा रेंजर शैलेन्द्र तोमर, डिप्टी रेंजकर नंदन रायकवार और पटवारी अर्जुन गुर्जर के अलावा करैरा विधयक के पुत्र पुष्पेन्द्र जाटव पहुंचे। रेंजर तोमर ने बताया कि मृत भेड़ों का पीएम देर शाम तक कर लिया गया है। घायल भेड़ों का उपचार किया जा रहा है। करई पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर एमएल इंदौरिया और करैरा के डॉक्टर गौतम ने पीएम किया। तोमर का कहना है कि पहली नजर में जो पंजे के निशान मिले हैं, वह तेंदुए या लकड़बघ्घे के नजर आ रहे हैं। हालांकि जिस तरह से हमला किया गया है। वह तेंदुए की तरफ इशारा है।
भेड़ों की पीएम के बाद ही स्पष्ट होगा कैसे हुई मौत
इधर, गांव में लोगों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के चलते तेंदुए के पग मार्ग हासिल नहीं हो सके हैं। उन्होंने बताया कि पूरा मामला पीएम रिपोर्ट आने के बाद साफ हो सकेगा। तोमर के मुताबिक एक बेड़े में बंद भेड़ों पर जब हमला हुआ। कुछ भेड़ें निशाने पर आईं, जिनके शरीर पर पंजे के निशान मिले हैं। 60 प्रतिशत भेड़ें आघात के चलते मृत हो गईं। रात को जब हमला हुआ तो भेड़ों ने जोर से आवाज की तो मायाराम की नींद खुल गई थी, लेकिन उसका कहना है कि वह उठकर बेड़े की तरफ गया तो अंधेरे में कोई जानवर उसे भागता दिखाई दिया, जिसके शरीर पर धारी थीं।