जौरा विधायक बनवारीलाल जापथाप के निधन के बाद खाली हुई सीट पर परीक्षा खत्म होते ही सरकार उपचुनाव करा सकती है। हालांकि भाजपा, कांग्रेस और बसपा के संभावित दावेदारों ने एक महीने पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा की ओर से दावेदार जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को रिझाने में जुट गए हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से टिकट मांगने वाले दावेदार क्रिकेट मैच और जनसंपर्क के बहाने मैदान में कूद पड़े हैं।
चुनाव से पहले टिकट की लड़ाई का सबसे रोचक पहलू यह है कि भाजपा में टिकट की दावेदारी करने वाले अधिकांश नेता अनुभवी व दिग्गज हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से दावेदारी करने वाले अधिकांश युवा (अंडर-50) हैं। बसपा की ओर से भी 2 दावेदारों में एक युवा व दूसरे अनुभवी हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव में अनुभव व युवा जोश के बीच मुकाबला हो सकता है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
जौरा उपचुनाव के लिए शासन स्तर से भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कलेक्टर प्रियंका दास ने जौरा विधानसभा के लिए ईवीएम व वीवीपेट की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) 17 फरवरी को रखी है। इसके लिए सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को सूचित भी कर दिया गया है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि परीक्षा खत्म होने के बाद मई में यहां चुनाव कराने के लिए सरकार अपना मन बना चुकी है।
भारतीय जनता पार्टी के अनुभवी चेहरों के सामने इस बार कांग्रेस की युवा ब्रिगेड टिकट के लिए मैदान में हैं। इनमें विधायक बनवारीलाल जापथाप के छोटे बेटे प्रदीप व भतीजे नागेश सहित भानुप्रताप सिंह सिकरवार, प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव, पंकज उपाध्याय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मानवेंद्र गांधी, हरिओम शर्मा, सुनील शर्मा के नाम प्रमुख हैं। हालांकि इस सीट पर अनुभवी चेहरों के रूप में कैलाश मित्तल, बनवारीलाल शुक्ला के नाम भी हैं। कांग्रेस की ओर से एक चौंकाने वाला नाम लोकेंद्र सिंह यादव का भी हो सकता है। लोकेंद्र यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा से गुना संसदीय सीट से सिंधिया के समर्थन में अपना फॉर्म खींचा था। इसलिए उन्हें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जौरा से टिकट देकर पुरस्कृत कर सकते हैं।
भारतीय जनता पार्टी में जौरा विधानसभा से टिकट मांगने वालों में अनुभवी चेहरे हैं। इनमें आजादी के बाद पहली बार जौरा सीट पर भाजपा को जिताने वाले पूर्व विधायक सूबेदार सिंह रजौधा की सशक्त दावेदारी मानी जा रही है क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री तोमर के अति निकटस्थ माने जाते हैं। हालांकि सुमावली से विधानसभा चुनाव हार चुके अजब सिंह कुशवाह भी केंद्रीय मंत्री तोमर के समक्ष टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा सुमावली के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार, उर्मिला त्यागी, नागेंद्र तिवारी, पूर्व जिलाध्यक्ष केदार सिंह यादव भी टिकट की होड़ में हैं।
भाजपाई केंद्रीय मंत्री तोमर व कांग्रेसी सिंधिया के दरबार में लगा रहे हाजिरी: अंचल मे भाजपा व कांग्रेस की राजनीति के प्रमुख केंद्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ही इस सीट पर संभावित दावेदारों का टिकट फाइनल करेंगे। यही वजह है कि भाजपाई केंद्रीय मंत्री तोमर को रिझाने में लगे हैं। वहीं कांग्रेस के युवा चेहरे क्रिकेट मैच व जनसंपर्क के बहाने सिंधिया के सामने युवा चेहरे के रूप में स्वयं को पेश कर रहे हैं।
बसपा से भी 2 चेहरे माया दरबार में पहुंचे: जौरा उपचुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही भाजपा-कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी से भी युवा चेहरे के रूप में बृजपाल यादव अपनी सशक्त दावेदारी पेश कर सकते हैं। हालांकि उनके साथ पूर्व विधायक मनीराम धाकड़ भी बहुजन समाज पार्टी से ही जौरा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। मनीराम इस विधानसभा से पहले जौरा के विधायक रहे हैं और उन्होंने जातिगत समीकरणों के आधार पर विजय भी हासिल की थी।