मार्च के प्रथम सप्ताह तक तक 78 हजार स्कूलों के लगभग 2 करोड़ बच्चों को पोशाक, छात्रवृत्ति सहित विभिन्न योजनाओं की राशि भेज दी जाएगी। शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से समय मेधासॉफ्ट के माध्यम से एक क्लिक में सभी बच्चों को योजना की राशि भेजने की तैयारी कर रहा है। विभाग ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को निर्देश दिया है कि जल्द शेष बचे छात्र-छात्राओं की भी उपस्थिति रिपोर्ट मेधासॉफ्ट पर अपलोड कर दें।
रिपोर्ट भेजने में देरी करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति रिपोर्ट लगभग 70 प्रतिशत से अधिक मिल चुकी है। विभाग ने जिलों के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि रिपोर्ट मिलने में देरी के कारण बच्चों के खाता में राशि नहीं भेजी जा पा रही है। इसके लिए दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। पहले शिक्षा विभाग से योजना की राशि जिलों को जाती थी। जिला से फिर बच्चों के खाता में राशि भेजी जाती थी। पिछले साल लगातार मॉनीटरिंग के बाद भी समय पर बच्चों के खाता में राशि नहीं भेजी जा सकी थी। इस कारण कई अधिकारियों का वेतन भी रोका गया था। अप्रैल से सितंबर तक कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर ही योजना की राशि बच्चों देने का प्रावधान है। सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों और डीपीओ से बच्चों की कक्षा में 75 प्रतिशत की उपस्थिति की रिपोर्ट मांगी गई थी।
जातिवार अलग-अलग रिपोर्ट देने के लिए कहा
10 साल से कम उम्र के बच्चों, जिनका बैंक खाता नहीं खोला जा सकता है, उनके अभिभावक के बैंक खाता में योजना की राशि भेजी जाएगी। सभी सरकारी, राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और स्थापना प्रस्वीकृत प्रारंभिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं को योजना की राशि मिलेगी। सामान्य, पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित और जनजाति के छात्र-छात्राओं की अलग-अलग रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है