रणथंभौर बाघ परियोजना के फलौदी रेंज में वन्यजीव को मारकर ले जाते हुए ट्रैप हुए शिकारियों को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम पर ग्रामीणाें ने हमला कर दिया। ताबड़ पुलिस काे हवाई फायरिंग कर जान बचानी पड़ी। अचानक हुए इस हमले में 6 वनकर्मी घायल हो गए। झड़प में 12 ग्रामीणाें काे भी चाेटें आईं। दाेनाें विभागाें की टीमें सुबह 5 बजे कार्रवाई के लिए पहुंची थी। बाद में देर शाम दो शिकारियोंं जैतपुरा निवासी असरार और सुनेफ उर्फ काळू ने देसी टोपीदार बंदूक सहित बोदल नाका पर आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फलाैदी के रेंजर ओमप्रकाश कोली ने खंडार पुलिस थाने में 29 नामजद आराेपियाें सहित करीब 500 महिला-पुरुषाें के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
शिकारियों को पकड़ने की योजना बनाई थी
एएसपी धर्मेंद्र यादव व डीएफओ मुकेश सैनी के अनुसार शिकारियों की पहचान होने के बाद से कुछ जनप्रतिनिधियों के सहयाेग से लगातार इस बात का प्रयास किया जा रहा था कि शिकारी सरेंडर कर दें, लेकिन वे बार- बार सरेंडर करने के स्थान पर झांसा दे रहे थे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर शिकािरयों को पकड़ने की योजना बनाई गई थी।
सीएम गहलोत तक पहुंची शिकायत
वन विभाग को यह फोटो शिकार के 9 दिन बाद कैमरा ट्रैप की चिप चैक करते मिली। फोटो लीक हुई और मुख्यमंत्री तक शिकायत। विभाग में हंगामा मचा, एफआईआर दर्ज। जैतपुरा गांव के 5 लोग नामजद।
पहले भी शिकारियों को पकड़ने गई थी पुलिस
पहली दबिश 11 फरवरी को पुलिस और वन विभाग ने दी, लेकिन अपराधी नहीं मिले। दुबारा गुरुवार तड़के ही 5 बजे फिर दबिश देकर दो को पकड़ा। पत्थरबाजी में पुलिस और वन विभाग के कर्मचारियों को चोटें आई।
बड़ा सवाल: 26 मिसिंग बाघ शिकार तो नहीं हो गए
यूं खुलेआम शिकार देखकर बाघों के साथ अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। रणथंभौर से पिछले 9 साल में 26 बाघ लापता हैं। हाल ही में इसकी गोपनीय रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। फिर भी किसी की जिम्मेदारी तय नहीं। अफसरों की पोस्टिंग का आधार टूरिज्म और उससे जनित कमाई बनी हुई है। मिसिंग टाइगर पर चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से लेकर वनमंत्री तक चुप्पी साधे हुए हैं।