विधायकों पर 40 की जगह 10-10 और बाहरी प्रश्न नहीं पूछने की पाबंदी से एक-तिहाई रह गए जनता के सवाल

हर बार बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र के दौरान 9 से 10 हजार प्रश्न विधायकों द्वारा लगाए जाते हैं। लेकिन इस बार मात्र 2945 सवाल लगाए गए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह विधानसभा द्वारा विधायकों पर बाहरी क्षेत्र के सवाल पूछने पर पाबंदी, पूर्व के 40 तारंकित-अतारंकित सवाल प्रतिदिन की जगह 10-10 लगाने की सीमा करने के कारण पूछे जाने वाले सवालों की संख्या तिहाई के करीब रह गई है। करीब डेढ़ महीने के बजट सत्र के दौरान परंपरागत तरीके से ही सवाल पूछे जाते तो 175 एमएलए जनता से जुड़े ज्यादा संख्या में सवाल पूछ पाते। गौरतलब है कि 25 जनवरी को विधानसभा सचिव की तरफ से सभी विधायकों को अध्यक्ष के हवाले से प्रश्नकाल की गाइडलाइन संबंधी पत्र भेजा गया था। उसमें बाकायदा विधायकों को नए नियमों की पालने सुनिश्चित करने को कहा गया। लिहाजा सवालों की संख्या सेंसेक्स की तरह गिर गई।


 


 


 



सवालों में सबसे आगे रघु शर्मा, डोटासरा और बीडी कल्ला


हर बार जिन विभागों के सर्वाधिक सवाल पूछे जाते हैं, उनमें से पानी, यूडीएच, पंचायती राज जैसे विभाग इस बार पिछड़ गए हैं। सर्वाधिक सवाल रघु शर्मा के विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं मेडिकल शिक्षा से 261 किए गए हैं। दूसरे नंबर पर 244 सवालों के साथ शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा है। तीसरे स्थान पर 184 सवालों के साथ ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला है। शिक्षा में तबादला विवाद और बिजली की दरों में बढ़ोतरी तथा कोटा में शिशुओं की मौत जैसे बड़े मामले होने के कारण सर्वाधिक सवाल पूछे गए।


इस बार न रोचक सवाल, न पर्सनल हमले वाले सवाल
हर बार औसतन 100 से ज्यादा ऐसे सवाल लगाए जाते थे, जो बहुत ही चर्चित, रोचक या किसी मंत्री-विधायक या अफसर की पोल खोलने या पर्सनल हमले वाले होते थे। उन सवालों की पहले से चर्चा शुरू हो जाती थी। इस बार 30 प्रकार की पाबंदियों के कारण हर विधायक ने अपने क्षेत्र की समस्याओं से जुड़े ही 99 फीसदी सवाल किए हैं।


टाॅप टेन विभाग जिनमें अब तक सर्वाधिक प्रश्न पूछे गए













































चिकित्सा-स्वास्थ्य, 
चिकित्सा शिक्षा  
261
शिक्षा244
ऊर्जा 184
यूडीएच-स्वायत्त शासन 182
सार्वजनिक निर्माण विभाग  162
जलदाय विभाग155
गृह एवं गृह रक्षा131
कृषि एवं कृषि विपणन114
राजस्व113
सहकारिता90