जरूरी वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी, एक करोड़ रोजगार पर संकट    
जरूरी वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी, एक करोड़ रोजगार पर संकट

 


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नई दिल्ली। लॉकडाउन ने सबसे बड़ा संकट जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता का खड़ा कर दिया है। देश में करीब 15 लाख ट्रक सड़कों और बंद बाजारों में सामान लेकर खड़े हैं। लेकिन बंदी की वजह से उनमें रखा सामान अनलोड नहीं हो रहा है। ऐसे में आने वाले समय में सरकार के सामने सप्लाई की नई चुनौती खड़ी हो सकती है। हाल यह है कि पंजाब के पटियाला में ही पुलिस वालों पर सब्जियां लूटने की शिकायतें सामने आ रही है। वहीं दिल्ली के कई इलाकों में ऑनलाइन डिलिवरी की समस्या बनी हुई है। इस बीच उत्तर प्रदेश में नोएडा प्रशासन ने बढ़ती शिकायत को देखते हुए नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें रेहड़ी वाले से लेकर ऑनलाइन कंपनियों को कई तरह की छूट देने की बात कही गई है। इसके अलावा किसानों के सामने भी बड़ा संकट खड़ा होने वाला है। क्योंकि लॉकडाउन की वजह से गेहूं की खरीद में देरी हो सकती है। जो सरकार के लिए नई समस्या खड़ी कर सकता है।
इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के फेलो एस.पी.सिंह के अनुसार, देश में 50-60 लाख कमर्शियल व्हीकल सड़कों पर चलते हैं। लॉकडाउन के पहले दिन तो राज्यों के बार्डर पर इन्हें रोक दिया गया था। इसकी वजह से लंबा जाम लग गया था। लेकिन शिकायतों के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर कमर्शियल व्हीलक का मूवमेंट फिर से शुरू कराया था। लेकिन दिक्कत यह है कि वाहन अपने गंतव्य स्थान पर खड़े हैं। लेकिन बाजार , फैक्ट्रियां बंद होने से सामान अनलोड नहीं हो पा रहा है। करीब 20-25 फीसदी वर्कर अपने घऱ चले गए हैं। इस स्थिति में 70-80 लाख लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। कई जगहों पर तो कमर्शियल व्हीकल के ड्राइवर, हेल्पर के पास खाने की दिक्कतें आ रही हैं। सरकार ने जो राहत पैकेज ऐलान किया है। उसमें इन कामगारों की अनदेखी की गई है। उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है।